Aise Tum Mile Ho Lyrics

Aise Tum Mile Ho Song is sung by Arijit Singh & Nikhita Gandhi with music composed by Amit Trivedi and lyrics written by Amitabh Bhattacharya. The song features Sushant Singh Rajput & Sara Ali Khan.

Aise Tum Mile Ho Lyrics in English

Song Name: Qaafirana
Movie: Kedarnath

In vaadiyon mein
Takra chuke hain
Humse musafir
Yun toh kayi

Dil na lagaya
Humne kisi se
Qisse sune hain
Yun toh kayi

Aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho
Itr se havaa.. ..

Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai

Aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho
Itr se havaa.. ..

Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai

Godi mein pahadiyon ki
Ujli dopheri guzaarna
Tere saath mein..
Accha lage..

Dhalti huyi sham ne
Bataya hai ke door manzil pe
Raat Hai..

Mujhko tasalli hai yeh
Ke hone talak raat
Hum dono saath hai ..

Sang chal rahe hai
Sang chal rahe hai
Dhoop ke kinare
Chaaon ki tarah

Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai

Aise tum mile ho
Aise tum mile ho
Jaise mil rahi ho

Itr se havaa.. ..

Qaafirana sa hai
Ishq hai ya kya hai

Music Video

Aise Tum Mile Ho Lyrics in Hindi

इन वादियों में टकरा चुके हैं
हमसे मुसाफ़िर यूँ तो कई
दिल ना लगाया हमने किसी से
किस्से सुने हैं यूँ तो कई

ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो इत्र से हवा

क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है
ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो इत्र से हवा
क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है

(संगीत)

ख़ामोशियों में, बोली तुम्हारी
कुछ इस तरह गूंजती है
कानों से मेरे, होते हुए वो
दिल का पता ढूँढती है
बेसुवादियों में, बेसुवादियों में
जैसे मिल रहा हो कोई ज़ायक़ा

क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है
ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो इत्र से हवा
क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है

(संगीत)

ज़रिये तुम्हारे, दर पे खुदा के
मत्था भी हम टेकते हैं
सबकी निगाहें उसपे टिकी हैं
पर हम तुम्हें देखते हैं

तुम सिखा रहे हो
तुम सिखा रहे हो
जिस्म को हमारे रूहदारियाँ

क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है
ऐसे तुम मिले हो
ऐसे तुम मिले हो
जैसे मिल रही हो इत्र से हवा
क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है

(संगीत)

गोदी में पहाड़ियों की
उजली दोपहरी गुज़ारना
हाय हाय तेरे साथ में अच्छा लगे
गोदी में पहाड़ियों की
उजली दोपहरी गुज़ारना
हाय हाय तेरे साथ में अच्छा लगे

शर्मीली अँखियों से
तेरा मेरी नज़रें उतारना
हाय हाय हर बात पे अच्छा लगे

ढलती हुई शाम ने
बताया है कि दूर मंज़िल पे रात है
मुझको तसल्ली है ये
के होने तलक रात हम दोनों साथ है

संग चल रहे हैं
संग चल रहे हैं
धूप के किनारे छाँव की तरह

क़ाफ़िराना सा है
इश्क है या क्या है

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