Humse Ye Soch Kar Koi Wada Karo Lyrics

Humse Ye Soch Kar Koi Wada Karo Song is sung by Nusrat Fateh Ali Khan with music composed by Nusrat Fateh Ali Khan and lyrics written by Nusrat Fateh Ali Khan.

Humse Ye Soch Kar Koi Wada Karo Lyrics in English

Song Name: Sochata Hoon

Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,

Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,
Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,

Maine Pathar Se Jinko Banaya Sanam,
Maine Pathar Se Jinko Banaya Sanam,
Woh Khuda Ho Gaye Dekhte Dekhte,

Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,
Hashar Hai Wahshate Dil Ki Awaargi,
Hashar Hai Wahshate Dil Ki Awaargi,
Humse Pucho Mohabbat Ki Deewangi,

Jo Pata Puchte The Kisi Ka Kabhi,
Jo Pata Puchte The Kisi Ka Kabhi,
Lapata Ho Gaye Dekhte Dekhte,

Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,
Humse Ye Soch Kar Koi Waada Karo,
Humse Ye Soch Kar Koi Waada Karo,
Ek Waade Pe Umarein Guzar Jayengi,

Ye Hai Duniya Yahan Kitne Ehle Wafa,
Ye Hai Duniya Yahan Kitne Ehle Wafa,
Bewafa Ho Gaye Dekhte Dekhte,

Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte,
Sochta Hoon Ke Woh Kitne Masoom The,
Kya Se Kya Ho Gaye Dekhte Dekhte

Music Video

https://www.youtube.com/watch?v=rtDw-_1Gh0Q

Humse Ye Soch Kar Koi Wada Karo Lyrics in Hindi

जाने वाले हमारी महफ़िल से
चाँद तारो को साथ लेता जा

जाने वाले हमारी महफ़िल से
चाँद तारो को साथ लेता जा
हम खीजा से निबाह कर लेंगे
तू बहारो को साथ लेता जा
हम खीजा से निबाह कर लेंगे
तू बहारो को साथ लेता जा
अच्छी सूरत को सवरने की जरूरत क्या है
सादगी में भी क़यामत की अदा होती है
तुम जो आ जाते हो मस्जिद में अदा करने नमाज़
तुमको मालूम है कितनो की कज़ा होती है
कोई हसे तो तुझे गम लगे हसी ना लगे
के दिललगी भी तेरे दिल को दिल लगी ना लगे
तू रोज़ रोया करे उठके चाँद रातो में
खुदा करे तेरा मेरे बगैर जी ना लगे

तू रोज़ रोया करे उठके चाँद रातो में
खुदा करे तेरा मेरे बगैर जी ना लगे

तन्हाई में फरियाद तो कर सकता हु
वीराने को आबाद तो कर सकता हु
जब चाहू तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन
जब चाहू तुम्हे याद तो कर सकता हु

जब चाहू तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन
जब चाहू तुम्हे याद तो कर सकता हु

कोई भी वक़्त हो हस कर गुजार लेता हु
खीजा में दौर में एहद-ए-बहार लेता हु
गुलो से रंग, सितारों से रौशनी ले कर
जमाल-ए-यार का नक्शा उतार लेता हु

गुलो से रंग, सितारों से रौशनी ले कर
जमाल-ए-यार का नक्शा उतार लेता हु

उसके नजदीक गम-ए-तर्क-ए-वफ़ा कुछ भी नहीं
मुतमइन ऐसे है वो जैसे हुआ कुछ भी नहीं
अब तो हाथो से लकीरे भी मिटी जाती है
उसको खोकर तो मेरे पास रहा कुछ भी नहीं

अब तो हाथो से लकीरेभी मिटी जाती है
उसको खोकर तो मेरे पास रहा कुछ भी नहीं

कल बिछड़ना है तो फिर एहद-ए-वफ़ा सोच के बांध
अभी आगाज-ए-मोहब्बत है गया कुछ भी नहीं
में तो इस वास्ते चुप हु की तमाशा ना बने
तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं

में तो इस वास्ते चुप हु की तमाशा ना बने
तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं

सोचता हु के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते

सोचता हु के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते

सोचता हु के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते
मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम
वो खुदा हो गए देखते देखते

मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम
वो खुदा हो गए देखते देखते

जिन पत्थरों को हमने आता की थी धड़कने
वो बोलने लगे तो हमी पर बरस पड़े

मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम
वो खुदा हो गए देखते देखते

मेरे हाथो से तरासे हुए पत्थर के सनम
मेरे ही सामने भगवान बने बैठे है

मैंने पत्थर से जिनको बनाया सनम
वो खुदा हो गए देखते देखते

हश्र है वहशत-ए-दिल की आवारगी
हमसे पूछो मोहब्बत की दीवानगी
जो पता पूछते थे किसी का कभी
लापता हो गए देखते देखते
जो पता पूछते थे किसी का कभी
लापता हो गए देखते देखते
हमसे ये सोच कर कोई वादा करो
एक वादे पे उम्र गुजर जाएगी
ये है दुनिया यहा कितने एहल-ए-वफ़ा
बेवफा हो गए देखते देखते

ये है दुनिया यहा कितने एहल-ए-वफ़ा
बेवफा हो गए देखते देखते

दिन छुप गया सूरज का कही नाम नहीं है
ओ वादा शिकन अब भी तेरी शाम नहीं है

शब-ए वादा ये रहा करती है बाते दिल से
देखे यार आता है पहले के कज़ा आती है

ओ वादा शिकन, वादा शिकन

कल से बेकल हु भला खाक मुझे कल आए
कल का वादा था ना वो आज आए ना वो कल आए

ओ वादा शिकन, वादा शिकन

रोज़ का इन्तिज़ार कोन करे
आप का ऐतबार कोन करे

ओ वादा शिकन, वादा शिकन

हो चूका वादा के कब आयेगा
देखीए अब ना भूल जायेगा

ओ वादा शिकन, वादा शिकन

भला कोई वादा खिलाफी की हद है
हिसाब अपने दिल में लगा कर तो सोचो
क़यामत का दिन आ गया रफ्ता रफ्ता
मुलाक़ात का दिन बदलते बदलते

ओ वादा शिकन, वादा शिकन
हमसे ये सोच कर कोई वादा करो
एक वादे पे उम्र गुजर जाएगी
ये है दुनिया यहा कितने एहल-ए-वफ़ा
बेवफा हो गए देखते देखते

गैर की बात तस्लीम क्या कीजिए
अब तो खुद पर भी हमको भरोसा नही
अपना साया समझते थे जिनको कभी
वो जुदा हो गए देखते देखते

सोचता हु के वो कितने मासूम थे
क्या से क्या हो गए देखते देखते

You may also like...